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Pragyopnishad -3, Experience Sharing

Pragyopnishad -3, Experience Sharing

प्रज्ञोपनिषद् (तृतीय मण्डल), अनुभव शेयरिंग

PANCHKOSH SADHNA –  Navratri Online Global Class – 04 April 2022 (5:00 am to 06:30 am) –  Pragyakunj Sasaram _ प्रशिक्षक श्री लाल बिहारी सिंह

ॐ भूर्भुवः स्‍वः तत्‍सवितुर्वरेण्‍यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्‌ ।

SUBJECT:  प्रज्ञोपनिषद् (तृतीय मण्डल), अनुभव शेयरिंग

Broadcasting: आ॰ अंकूर जी/ आ॰ अमन जी/ आ॰ नितिन जी

श्रद्धेय श्री लाल बिहारी सिंह @ बाबूजी (सासाराम, बिहार)

परिवार व्यवस्था

लोकसेवी – संत, सुधारक व शहीद तीनों स्तर पर कार्य करते हैं । इसलिए ये हर क्षेत्र में क्रांति के अग्रदूत होते हैं । Centre – Spirituality (अध्यात्म) ।
गुरूदेव ने व्यवहारिक अध्यात्म @ वैज्ञानिक अध्यात्मवाद (गायत्री + सावित्री) पर जनमानस को focus किया जिससे जीवनशैली में peace & bliss @ सरसता (सरस्वती) में अभिवृद्धि हो ।
संत, ऋषि व देव गण भी सपत्नीक रहे ।
नवरात्रि साधनाएं (चैत्र व आश्विन) शक्ति की साधना जीवन में शक्ति की महत्ता को दर्शाती हैं । शिव, शक्ति के बिना शव के समान हैं । यत्र नार्येषु पुज्यन्ते तत्र रमन्ते देवता ।
ऋषि श्वेतकेतु परिवार व्यवस्था (विवाह व्यवस्था) के founder थे ।
गायत्री विद्या, गृहस्थों हेतु पारसमणी है ।
वेद का आदेश है – “साधु पुत्र जनयः ‌।” सृष्टि व्यवस्था के सुसंचालन के लिए सुसंतति (ओजस्वी तेजस्वी व वर्चस्वी संतान) उत्पन्न करें ।
(सद्गृहस्थों हेतु) परिवार एक स्वर्ग @ आत्मसाधना की प्रयोगशाला + सुसंतति की टकसाल ।

12 वर्ष पर महाकुंभ – समयांतराल पर  गृहस्थ परंपराओं के upgradation/ updation हेतु गृहस्थ इक्ट्ठे हुए । ऋषियों में सद्गृहस्थ श्रेष्ठ ऋषि धौम्य ने गृहस्थों को परिवार को स्वर्ग व आत्मसाधना हेतु बनाए रखने हेतु महती सुत्र दिए:-
1. गृहस्थाश्रम एक दिव्य प्रयोगशाला
2. छोटा परिवार सुखी परिवार
3. सादा जीवन उच्च विचार
4. विवाह हेतु वर वधू की तीन शर्तें:-
(क) शारीरिक मानसिक परिपक्वता
(ख) स्वावलंबन
(ख) कर्मनिष्ठ (Dutifulness)
5. खर्चीली शादी (आसुरी विवाह) से बचाव
6. गृहस्थ एक तपोवन जिसमें संयम, सेवा व सहिष्णुता (मैत्री भाव) की साधना करनी होती है ।
7. परंपराओं की जगह विवेक को महत्व (कुरीति उन्मूलन)
8. गृहिणी – परिवार की धुरी । Women empowerment – mandatory.
9. आज के बालक/बालिका – कल के राष्ट्र नायक/ नायिका
10. वृद्धजन – अनुभवों का खजाना @ old is gold. वसुधैव कुटुंबकम् ।

अनुभव शेयरिंग

Host:  आ॰ सुभाषचन्द्र सिंह जी (IES, गाजियाबाद, उ॰ प्र॰)

संत हृदय नवनीत समाना । कहा कबिन्ह परि कहै न जाना ॥ निज परिताप द्रवइ नवनीता । पर सुख द्रव्यहिंसा संत सुपुनीता ॥4॥
अपने लिए कठोरता अन्यों के प्रति उदारता । निःस्वार्थ प्रेम व अनुशासन परिवार निर्माण की धुरी है ।

1. आ॰ K V Dubey जी (मानवाधिकारकर्मी, Master in Yoga, मुंबई, महाराष्ट्र)

उपलब्धियां: मानव जीवन की सार्थकता, हठयोग सिद्धि, परिष्कृत पंचकोश etc.

2. आ॰ अमित कुन्दन जी (Senior Engineer in BHL, हैदराबाद, उ॰ प्र॰)

उपलब्धियां: स्वाध्याय शील, स्पष्ट दृष्टिकोण etc ।
लक्ष्य: जीवन में नियमितता का समावेश ।
अनुरोध: APMB की classes daily run करें ।

3. आ॰ लोकेश चौधरी जी (योगाचार्य, चित्तौड़गढ़, राजस्थान)

उपलब्धियां: परिपक्वता, leadership, नियंत्रित मन, अनासक्त निष्काम भाव, योग प्रचार प्रसार etc.

4. विष्णु  आनन्द (आत्मसाधक, Ex-serviceman, Farmer, Katihar, Bihar)

उपलब्धियां: संशय मुक्त जीवन, निर्णय – स्पष्ट,  बहिर्मुखी स्वभाव का रूपांतरण अंतर्मुखी अन्तर्जगत की यात्रा में @ जीवन में मौन व मुस्कान की प्रगति ।
हर एक क्रिया में योग का समावेश,  Work with due respect & अनासक्त कर्मयोग में प्रगति ।
वांछनीयता में सहयोग व अवांछनीयता को किसी भी हाल में स्वीकार ना करना ।
जनसामान्य में आत्मीयता का विस्तार व स्वार्थी तत्वों की आंखों का कांटा ।
संतुलन में अभिवृद्धि ।
आत्मबोध व तत्त्वबोध @ अद्वैत पथ का पथिक ।

5. आ॰ आशा देवी जी (समाजसेवी, गृहिणी, पटना, बिहार)

उपलब्धियां: क्रियायोग सिद्धि, महिला सशक्तिकरण, जिम्मेदारी व समझदारी आदि ।

6. आ॰ डॉ॰ सुरेन्द्र सिंह जी (RSS स्वयंसेवक, अम्बेडकर नगर, उ॰ प्र॰)

उपलब्धियां: संतुलित आहार विहार, आरोग्य, ईमानदारी समझदारी जिम्मेदारी व बहादुरी etc.

7. आ॰ देवमुनि दीदी जी (समाजसेवी, पटना, बिहार)

उपलब्धियां: निरोगी काया, ज्ञानार्जन, परिवार – स्वर्ग व प्रगति etc.

ॐ  शांतिः शांतिः शांतिः।।

Writer: Vishnu Anand

 

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