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Category: Pt. Shree Ram Sharma “Acharya”

Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (28-02-2025)

कक्षा (28-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- छान्दयोपनिषद् में आया है कि 21 अक्षरों से साधक आदित्य लोक को प्राप्त करता है, आदित्य ही 21 वा अक्षर है, 22 वे अक्षर से साधक आदित्य से परे सुख स्वरूप, शोकरहित लोक को प्राप्त करता है, यहा 21 अक्षर क्या है तीन अक्षर -> हिंकार, प्रस्ताव …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (27-02-2025)

कक्षा (27-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- बृहदआरण्यकोपनिषद् में शाकल्य ने याज्ञवल्क्य जी से प्रश्न किए तथा अन्त में शाकल्य जी ने पूछा कि आप किसमें प्रतिष्ठित है, याज्ञवल्क्य ने कहा प्राण में, शाकल्य ने फिर पूछा प्राण किसमें स्थित है, उत्तर मिला अपान में, फिर पूछा अपान किसमें स्थित है, उत्तर मिला व्यान …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (26-02-2025)

कक्षा (26-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- छान्दयोपनिषद् में आया है कि यह पृथ्वी ऋक है तथा अग्नि साम है, वह अग्नि रूप साम पृथ्वी रूप ऋक में प्रतिष्ठित है, अतः ऋचा में प्रतिष्ठित साम का गायन किया जाता है, पृथ्वी को सा और अग्नि को म् मानकर दोनो को मिलाने से साम बनता …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (25-02-2025)

कक्षा (25-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- छान्दयोपनिषद् में आया है कि मृत्यु से डरते हुए देवो ने त्रयी विद्या में प्रवेश किया व अपने को छन्दो से आच्छादित कर लिया, आच्छादित होने के कारण ये छंद कहे गए तो यहा त्रयी विद्या क्या है गायंत्री विद्या को त्रयी विद्या कहते हैं, त्रयी विद्या …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (24-02-2025)

कक्षा (24-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- छान्दयोपनिषद् में आया है कि प्रजापति की दोनो संताने देव गण व असुर गण परस्पर युद्ध करने लगें तो देवो ने विचार किया कि हम उदगीथ की उपासना करके असुरों का पराभव करेंगे, इसका Practical क्या कर सकते हैं उदगीथ का अर्थ -> अपनी चेतना या अहसास …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (21-02-2025)

कक्षा (21-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- छान्दयोपनिषद् में आया है कि सन्पूर्ण प्राणियो व पदार्थो का रस पृथ्वी है, पृथ्वी का रस जल है, जल का रस औषधियां है, औषधियो का रस पुरुष है, पुरुष का रस वाक है तथा वाणी का रस साम है तथा साम का रस उदगीथ ओंकार है, यहा …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (20-02-2025)

कक्षा (20-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- गायंत्रीपनिषद् के पंचम कंडिका में आया है कि भर्गो देवस्य धीमहि का वर्णन किया गया है, व्रत से ही ब्राह्मण तेजस्वी, परिपूर्ण व अभिक्षीण होता है, को कैसे समझे व्रत (तपस्या) से ही ब्राह्मण तेजस्वी रहेगा, तप में सबसे बडा तप ब्रह्मचर्य है ब्राह्मण वह जो ब्रह्म …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (19-02-2025)

कक्षा (19-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- गायंत्रीपनिषद् में मौदगल्य ऋषि कहते है कि मन ही सविता व वाणी ही सावित्री है, जहा पर मन है वहा पर वाणी है, जहा पर वाणी है वहा मन है, ये दोनो एक युग्म है, योनि रूप है, इसी प्रकार अग्नि से पृथ्वी का युग्म, वायु से …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (18-02-2025)

कक्षा (18-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- गायत्रयुपनिषद् में मैत्रेय से मौदगल्य ऋषि कहते है कि वैदिक छन्द सविता के वरेण्य तत्व है, मेधावी पुरुष अन्न को ही उस देव का भर्ग बताते हैं, कर्म ही वह धी तत्व हु, जिसे प्रेरित करता हुआ वह देव गमन करता है, इसमें जो शब्द कहें गए …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (17-02-2025)

कक्षा (17-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- ईडा नाडी के द्वारा बाए छिद्र से प्राण वायु को आकृष्ट करके उदर में ग्रहण कर लेना चाहिए और शरीर के बीच पर प्रतिष्ठित जो अग्नि तत्व है उसी का चिन्तन करते हुए ऐसा भाव करना चाहिए कि उस वायु का सानिध्यय प्राप्त करके अग्नि देव ज्वालाओ …