Pragyakunj, Sasaram, BR-821113, India
panchkosh.yoga[At]gmail.com

Blog

Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (18-10-2024)

आज की कक्षा (18-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- श्रीसहिंतोपनिषद् में आया है कि सौ संहिता के सपांदन का फलपुरुष चार है -> सहिपुरुष, छंदपुरुष, वेदपुरुष व महापुरुष, इसका क्या अर्थ है सहिंताए, वेद का भाष्य होती है जैसे अन्न ही बह्म है, गायंत्री महाविज्ञान या तत्त्रियोपनिषद् में भृगु वल्ली आया है भृगु ऋषि …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (17-10-2024)

आज की कक्षा (17-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- षटप्रश्नोपनिषद् में आया है कि हवन का देवता सोम है . . . रुद्र इंद शेष और काम मन के देवता है, वायु की पत्नी श्रद्धा है, वह सबकी मूल है, का क्या अर्थ है यहा इंद्र आत्मा के अर्थ में आता है मन से …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (16-10-2024)

आज की कक्षा (16-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- जब हम ज्योतिषी के पास कुण्डली दिखाने जाते है तो हमारी राशी के अनुसार रंग रूप व व्यवहार कैसे बता देते हैं यह एक मानसरोवरी विद्या है, व्यक्ति जिस ग्रह नक्षत्र में जन्म लेता है तो उसमें फलित ज्योतिष के अनुमान पर कुछ विशेष प्रकार …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (15-10-2024)

आज की कक्षा (15-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- षटप्रश्नोपनिषद् में आया है कि पुष्कर कर्म कहलाता है, . . . पर्जन्य लोकाभिमानी है, मंत्र का देवता स्वाहा है, अग्नि तप का अभिमानी है और वरुण वीर्य का देवता अभिमानी है, का क्या अर्थ है षट -> यहा 6 चक्रो से जुडे प्रश्न है …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (14-10-2024)

आज की कक्षा (14-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- श्रीविद्यातारकोपनिषद् में अगस्त ऋषि हयग्रीव जी से पूछते है कि तारक क्या होता है तथा किसको वह तारता है, तब हयग्रीव बोले यह विद्या तारक एक उपासना है इसका पहला खण्ड तार, दीर्घ व प्लुत स्वरूप है तथा इसके बाद दूसरा, तीसरा व चौथा खण्ड …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (02-10-2024)

आज की कक्षा (02-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- श्री चक्रोपनिषद् में आया है कि मूलाधार से बह्मरध्र सहस्तार तक क्रमशः अंगन्यास है, स्वराट चक्र, विराट चक्र . .शत्रुजीत चक्र,  पर कम्रशः अंगन्यास करे अगन्यास्त्र = तीर से अग्नि की वर्षा करना अंगन्यास = हमें कुण्डलिनी जागरण में जल्दबाजी नहीं करनी, पहले शरीर के …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (01-10-2024)

आज की कक्षा (01-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- इस नवरात्री को मेरी जल उपवास करने की इच्छा है, क्या मेरे लिए यह ठीक रहेगा अगर आप हमारे सामने करे तो जल उपवास के बीच आने वाली कठिनाइयों में मार्गदर्शन भी मिलता रहेगा अक्सर साधक गांठ बना लेते है कि हमें यह करना ही …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (30-09-2024)

आज की कक्षा (30-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- आत्म अनुभूति का प्रभाव स्थूल शरीर के किस अंग को सबसे ज्यादा प्रभावित कर्ता है कृपया प्रकाश डाला जाय मस्तिष्क वाला Area जिसे हम हृदय (अतःकरण [मन, बुद्धि, चित्त, अंहकार]) कहते है, को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है यह Neurotransmitter पर Control करता है, जीवन …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (27-09-2024)

आज की कक्षा (27-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- गायंत्रीपनिषद् में आया है कि मध्यकालीन संध्या गायंत्री श्वेत कमलासन पर आसीन श्वेत वर्ण धारण किए हुए श्वेत चन्दन आदि सुगंधित द्रव्यों के लेप से युक्त पंचमुखी, त्रिनेत्रा, दस भुजा, दसों भुजाओं में त्रिशुल, डमरू, असि, खग . . . गदा, कपाल तथा अभय मुद्रा …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (26-09-2024)

आज की कक्षा (26-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- शाण्डिल्योपनिषद् में आया है कि मस्तक में संयम करने से बह्मलोक का ज्ञान होता है, पैर के नीचे में संयम करने से अतल लोक का ज्ञान होता है, पैर मैं संयम करने से वितल लोक का ज्ञान होता है, पैर के जोड टखने में चित्त …