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Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (01-11-2024)

आज की कक्षा (01-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सिद्धान्तशिखोपनिषद् में आया है कि पहले शिव की पूजा से ही देव गण वशु पाश , विष्णु ने इंद्र नीलमणी से निर्मित शिवलिंग की पूजा की, . . . देवताओं पर्वत से निर्मित लिंग की पूजा की, राक्षसो ने . . . तथा सभी लोगो …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (31-10-2024)

आज की कक्षा (31-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सिद्धान्तशिखोपनिषद् में आया है कि रुद्राक्ष धारण करने पर और त्रिपुण्ड धारण करने पर भगवान शिव के दर्शन से प्राप्त पूर्ण मनुष्य के द्वेष आदि दोष स्वतः समाप्त हो जाते है, का क्या अर्थ है धारण करने का अर्थ = व्यवहार में धारण करेइसका सस्ता …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (30-10-2024)

आज की कक्षा (30-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सिदान्तशिखोपनिषद् में आया है कि शिव जी के पांच मुख में से सद्योजात से बाह्मण, वामदेव से क्षत्रिय, अघोर से वैश्य, तत्पुरुष से शुद्र और ईश से उनके गण उत्पन्न हुए, का क्या अर्थ है पंचबह्योपनिषद् में इसका क्रम ठीक उलटा दिया है वहाअन्नमय कोश …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (29-10-2024)

आज की कक्षा (29-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- स ह वै उपनिषद् में 5 प्रकार के महायज्ञ है, देव यज्ञ, पितृ यज्ञ, भूत यज्ञ, मनुष्य यज्ञ व बह्म यज्ञ, इसमें बह्म यज्ञ मँ ऋक, यजु व साम की ऋचा का स्वाध्याय किया जाए तो बह्म यज्ञ कहलाता है का क्या अर्थ है ये …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (28-10-2024)

आज की कक्षा (28-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- स ह वै उपनिषद् में आया है कि न मांस खाए, न स्त्री की निंदा करे, न घृणा करे, न झूठ बोले, ऋतुकाल के पश्चात स्वस्त्री के साथ यज्ञ करे, ब्राह्मण पयोव्रत अथवा उपवास करे, क्षत्रिय यवागू (दलिया या लस्सी) का सेवन करे, वैश्य आमिछा …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (25-10-2024)

आज की कक्षा (25-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- स्वःसंवेदोपनिषद् में तत्वज्ञान को गुहा में प्रविष्ठ कहा गया है अज्ञानी द्वारा किए गए अपराध को श्रेष्ठ कहा गया है क्योंकि वे पूरे अभिमान के साथ उस मार्ग पर चलते है, वे पुष्पित वचनो के द्वारा मोहित हो जाते है . . . अज्ञानी ज्ञानवान …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (24-10-2024)

आज की कक्षा (24-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- परिवार में किसी की मृत्यु के पश्चात कठोपनिषद् के साथ और कौन-2 से उपनिषद् का पाठ किया जा सकता है प्रज्ञोपनिषद् के चौथा मण्डल का पाचवा अध्याय मरणोत्तर प्रकरण पढ़ना जरूरी है गीता के दूसरे अध्याय (स्मृतियों में पहले न० पर आता है) का पाठ …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (23-10-2024)

कक्षा (23-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- स ह वै उपनिषद् में लौकिक ऋण व देव ऋण का क्या अर्थ है लौकिक ऋण = पितृ ऋण = का कर्ज समाज सेवा से चुकता है, हमें लोक सेवा में अपनी भूमिका सदा रखनी चाहिए, केवल समाज का लाभ ही नही लेते रहना चाहिए अपितु हमें …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (22-10-2024)

कक्षा (22-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सर्वोपनिषत्सारोपनिषद् में आया है कि ना मै देह हूँ, देह मेरा नही है, मै केवल सनातन हूँ, बह्म एक ही सनातन है, यहा नानत्व किन्चित भी नहीं है, का क्या अर्थ है नानत्व का अर्थ है कि जो यहा अलग-अलग वस्तुएं दिख रही है यह सब एक …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (21-10-2024)

आज की कक्षा (21-10-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सर्वोपनिष्टसारोपनिषद् में आया है कि आकाश से वायु, वायु से तेज, तेज से जल , जल से पृथ्वी उत्पन्न हुआ है का क्या अर्थ है तेज = अग्नि जब परमाणु गतिशील होते है तो वायु कहलाते है, तरगें जब Condense होती है तो Leptones में …