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Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (15-11-2024)

आज की कक्षा (15-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुन्दरीतापिन्युपनिषद् में कामकलालय चक्र की व्याख्या करते हैं . . . ये पंचकाम सम्पूर्ण चक्र को व्याप्त करके स्थित है, मध्यम काम को सबसे अन्त में स्फुटित करके . . . साध्य को दो बार . . . इस प्रकार चक्र को जो जानता है, …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (14-11-2024)

आज की कक्षा (14-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुन्दरीतापिन्युपनिषद् में आया है कि देवो ने भगवान को कहा हमें मुद्राओं का सृजन करना चाहिए, भगवान ने उनको कहा पृथ्वी पर दोनो घुटने रखकर पदमासन विस्तृत करके मुद्राओं का सृजन करो, जो योनि मुद्रा का अध्ययन करता है, वह सबका आकर्षण कर सकता है, …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (13-11-2024)

आज की कक्षा (13-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुन्दरीतापिन्युपनिषद् में आया है कि त्रिपुरेश्वेरी विद्या का स्पष्ट उच्चारण करके जातवेदसे इत्यादि ऋचा का उच्चारण करे का क्या अर्थ है जातवेदा = अग्नितत्व का नान है, वह अग्नि सभी पदार्थो के भीतर विद्यमान है, पदार्थ के भीतर जो उर्जा के रूप में विद्यमान है …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (12-11-2024)

आज की कक्षा (12-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुंदरीतापनीपनिषद् में आया है कि तुरीय स्वर एकार को छोडकर सर्वप्रथम सुर्य चंद्र के साथ कामेश्वरी के लिए सप्तम धाम में अगस्ती संज्ञा से जानते है, इसी पूर्व कथित विद्या कमाध शक्ति बीज का वागभव आदि में स्थापन किया जाता है, यह वागभव शक्ति बीज …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (11-11-2024)

कक्षा (11-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुंदरीतापनीपनिषद् में आया है कि त्रिपुरशक्ति (कुण्डलिनी शक्ति) एकार ही शयन करती है अर्थात एकार ही ग्रहण किया जाता है, . . . जो इस प्रकार जानता है वह ईश्वरीय ज्ञान से परिपूर्ण हो जाता है, का क्या अर्थ है चेतना के मूल स्वरूप को एकार कहते …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (08-11-2024)

आज की कक्षा (08-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- मन क्यों नकारात्मक विचारों में ज्यादा रुचि लेता है कृपया स्पष्ट करे पिछले जन्मों से लेकर अब तक हमारे मन को नकारात्मक विषयों में रुचि लेने की आदत पड़ी है तथा संस्कारो में पूर्वजन्म के साथ आया है, इसलिए ऐसा होता है नकारात्मक विचारों को …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (07-11-2024)

आज की कक्षा (07-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुदर्शनोपनिषद् में आया है कि यर्जुवेद के तृतीय कांड के तृतीय सुक्त में बताया गया है कि जो भुजाओ में तपे हुए चक्र एवं शंख को धारण करता है वह पुण्य शाली है, जो ऐसा नही करता वह पाप करता है, का क्या अर्थ है …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (06-11-2024)

आज की कक्षा (06-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुदर्शनोपनिषद् में आया है कि यज्ञोपवित धारण किए, चक्र धारण किए , बह्मज्ञाता ब्राह्मणों मे श्रेष्ठ है, स्वर्ण हाथ में लेकर अग्नि में तपा हुआ बाह्मण भी यदि स्त्री शुद्र से भी सयुक्त हो जाए तो भी उसके गर्भ से बाह्मण का शरीर उत्पन्न होता …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (05-11-2024)

आज की कक्षा (05-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सिद्धान्तसारोपनिषद् में आया है कि वह प्रणवस्वरूप ॐ आत्मलिंग है जो परम चिद् विलास एवं समष्टि के आकार वाला अति निर्मल – निर्दोष आत्मलिंग – निराश्रय अनन्त कोटि सुर्य प्रकाश से उज्जवल है तथा अनन्त उपनिषद् के अर्थ स्वरूप तथा अखिल प्रमाण (प्रत्यक्ष – अनुमान …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (04-11-2024)

आज की कक्षा (04-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- जाबालदर्शनोपनिषद् में क्या प्राणकर्षण प्राणायाम के विषय में आया है तथा घ्राणेद्रिय के अग्र भाग में धारण करने से प्राण वायु पर विजय प्राप्त हो जाती है, नाभी में जब स्थापित करते हैं तो यहा अग्नि तत्व के चलते रोगों का शमन होता है तथा …