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Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (29-11-2024)

कक्षा (29-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- वांग्मय 22 में आया है हम अपने स्थान पर रहकर भी दूर रहने वाले व्यक्ति के हृदय की धारणा को बदल सकते है, दूसरे व्यक्ति के विचारो को बदलना, अपने चित्त की एकाग्रता पर निर्भर रहता है, एक व्यक्ति यदि दूसरे व्यक्ति को कोरे तर्क के बल …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (28-11-2024)

कक्षा (28-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुर्यअर्थवशिशोपनिषद् में आया है कि ॐ भू, ॐ भुवः, ॐ स्वः, ॐ महः, ॐ जनः, ॐ तपः, ॐ सत्यम, ये सात लोक है, ॐ स्वरूप वह सविता ही वरण करने योग्य है, उस भर्गो देव को हम अपनी बुद्धि से धारण करते हैं, यहा 7 लोकों का …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (27-11-2024)

कक्षा (27-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- वांग्मय 20 में प्राण शक्ति को ग्रहण करने की विधी में आया है कि विश्व के समस्त पदार्थ स्फुरण कम Vibration में है, छोटे छोटे परमाणु से लेकर बडे से बडे सुर्य तक सभी स्फुरण की दशा में है, प्रकृति में कोई भी वस्तु पूर्णतया स्थिर नहीं …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (26-11-2024)

कक्षा (26-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- गायंत्री महाविज्ञान भाग २ में कवच का अर्थ आच्छादन दिया है, जिस प्रकार पदार्थों से बने कवच से शरीर की रक्षा की जाती है उसी प्रकार आध्यात्मिक शक्ति सम्पन्न ऐसे दैविक कवच भी होते है जिनका आवरण ओढ़ लेने पर हमारी रक्षा हो सकती है, मंत्र शक्ति …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (25-11-2024)

कक्षा (25-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुन्दरीतापिन्युपनिषद् में आया है कि उस मुक्तात्मा के लिए ना कोई निरोध है ना ही उसकी उत्पत्ति होती है, ना वो बंधन में है, ना ही वह मुक्ति चाहता है (मोक्ष का इच्छुक भी नहीं है), इस अवस्था को ही परमार्थता कहते है, यहा परमार्थता को कैसे …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (22-11-2024)

कक्षा (22-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुन्दरीतापिन्युपनिषद् में आया है कि योगी को स्वर के साथ अपने मनोभाव को लीन कर देना चाहिए, स्वर के साथ संयुक्त करने से परम भाव की प्राप्ति होती है, स्वर से भिन्न भाव से ईष्ठ भाव की प्राप्ति नहीं होती, वह ईष्ट भाव ही निष्कल्प, र्निविकल्प, निरंजन बह्म …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (21-11-2024)

कक्षा (21-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- छान्दग्योपनिषद् में कौशितिकी ऋषि अपने पुत्र से कहते है कि मैंने विशेषतः इस आदित्य का, ॐ कार का गान किया था, इसी से तु मेरा एक पुत्र है, अब तुम यदि सूर्य से विकेंद्रित होती हुई सुर्य की रश्मियों का ध्यान करते हो तो निश्चय ही तुम्हें बहुत …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (20-11-2024)

आज की कक्षा (20-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुन्दरीतापिन्युपनिषद् में आया है कि गांयत्री – सावित्री – सरस्वती, ये सब मिलकर अजपा मातृका का स्वरूप बनाती है, उस मातृका से ही सम्पूर्ण विश्व व्याप्त है, ऐं वागीश्वरी को हम जाने, क्लीं कामेश्वरी शक्ति को हृदय में धारण करें, वह सौं शक्ति हमें प्रेरित …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (19-11-2024)

आज की कक्षा (19-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- चेचक को देवी माता के रूप में क्यों पूजा जाता है, माता तो बच्चों को कष्ट नही देती है, कृपया प्रकाश डाला जाय जब बच्चे गन्दगी फैलाते है तथा मानते नहीं है तो माता चाटा भी मारती है जब हम प्रकृति के नियमों के विरुद्ध …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (18-11-2024)

आज की कक्षा (18-11-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुन्दरीतापिन्युपनिषद् में ॐ नमः (तीन अक्षर), भगवते (चार अक्षर), वासुदेवाय (पाच अक्षर), यह भगवान विष्णु का द्वादाक्षर मंत्र है, इस मंत्र का उपासना करने वाला सब उपद्रवो से बच जाता है, वह पूर्ण आयु प्राप्त कर लेता है, श्रेष्ठ संतान का पिता हो जाता है, …