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Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (11-12-2024)

कक्षा (11-12-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- हयग्रीवोपनिषद् में नारद जी ने ब्रह्मा जी के पास पहुंचकर निवेदन किया कि भगवन उत्तम बह्म विधा का उपदेश करे जिससे शीलकाल के पापों को जलाकर बह्म विद्या को प्राप्त करके मनुष्य ऐश्वर्यवान होता है, बताए फिर बह्मा जी बोले हयग्रीव देवता से संबंधित मंत्रो को जो …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (13-12-2024)

कक्षा (13-12-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- किसी नए व्यक्ति को उपनिषद् पढ़ना हो तो कहा से शुरुवात करे उपनिषद् के पढने के लिए किसी को सलाह देना कि उनको क्या पढ़ना चाहिए तो उनकी रुचि का जरूर ध्यान रखें कि वे किस Mentality के है यदि वे Scientific या आध्यात्मिक Mentality के है …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (12-12-2024)

कक्षा (12-12-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- हेरम्बोपनिषद् में आया है कि सभी देवो से पूजनीय श्रीगणेश प्रभुओं के भी प्रभु तथा विद्यनहर्ता हैं, वे सिन्दूरवर्ण वाले पुरातन पुरुष है, का क्या अर्थ है जैसे जब सुर्योदय होता है तो लालिमा पहले आती है, सबसे पहले सुनहरी किरणे आती है जिसमें सृष्टि के सृजन …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (10-12-2024)

कक्षा (10-12-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- स्कन्दोपनिषद् में आया है कि जड़ और चेतन का जो दृष्टा है उसे ज्ञान शरीरी अविनाशी अचित्त कहा गया है, उसी को महादेव और महाहरि के नाम से जाना जाता है, का क्या अर्थ है ज्ञान शरीरी = ज्ञान स्वरूप है, उसमें सत चित् आनन्द है मै …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (09-12-2024)

कक्षा (09-12-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- जब हम ज्योतिष विज्ञान का अपने जीवन में उपयोग अपने दुखों को कम करने के लिए करते हैं तथा कर्म फल के विज्ञान को काटने के लिए करते हैं तो क्या हम कर्म फल के Reaction को क्षीण करते है या आगे के लिए टाल देते है …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (06-12-2024)

कक्षा (06-12-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- नारदपरिव्राजकोपनिषद् में आया है कि संन्यासी को वानप्रस्थ व गृहस्थी से सम्पर्क नहीं रखना चाहिए, का क्या अर्थ है बहुत बार संन्यासियों के लिए कहा जाता है आप गाँव के बाहर या मन्दिर में रूकने को कहा जाता है क्योंकि समाज में बहुत से विकार व विकृतियां …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (05-12-2024)

कक्षा (05-12-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- क्या विद्या की उपयोगिता का पूर्ण ज्ञान न होने के कारण उसको प्राथमिकता नही दी जा रही है कृपया प्रकाश डाला जाय यह बिल्कुल सही है, जब जिज्ञासा / चाह खत्म हो जाती है तो उस छात्र को आगे बढ़ाना बहुत मुश्किल होता है जिसका मन ही …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (04-12-2024)

कक्षा (04-12-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- छान्दग्योपनिषद् में आया है कि लोम हिंकार है, त्वचा प्रस्ताव है, मास उदगीथ है, अस्थि प्रतिहार है और मज्जा निधन है, यह यज्ञा यज्ञ शारीरिक अंगो में सन्निहित है, ये शब्द हिंकार – अस्थि – उदगीथ – प्रतिहार बार बार प्रयोग में आए हैं, का क्या अर्थ …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (03-12-2024)

कक्षा (03-12-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सुर्य-अर्थवशिर्षोपनिषद् में आया है कि ॐ घृणी सुर्य आदित्य -> ये आठ अक्षर, जो प्रतिदिन सदा जपता है, वह बाह्मण होता है, सुर्य के सम्मुख यह नाम जपने वाला व्याधि के भय से मुक्त हो जाता है, अलक्ष्मी नष्ट होती है . . . आदि अनेक लाभ …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (02-12-2024)

कक्षा (02-12-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- छान्दग्योपनिषद् में आया है कि अपराहन के पश्चात और सुर्यास्त से पहले आदित्य का रूप उपद्रव है, सभी वन्य प्राणी उस रूप के अनुगामी है, अतः वे पुरुष को देखकर भय से युक्त होकर गुफा में चले जाते है, यहा पर उपद्रव शब्द का अर्थ व पुरुष …