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Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (14-02-2025)

कक्षा (14-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- केनोपनिषद् में आया है कि जो वाणी के द्वारा वर्णित नहीं किया जा सकता अपितु वाणी ही जिनकी महिमा से प्रकट होती है, उसे ही तुम ब्रह्म समझो, वाणी द्वारा निरूपित तत्व की जो उपासना करते है वो ब्रह्म नहीं है, सभी अंगो के बारे में ऐसा दिया …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (13-02-2025)

कक्षा (13-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- कौन पितर हम सबको प्रकाश प्रेरणा शक्ति और सहयोग प्रदान करते है कृपया प्रकाश डाला जाय इन्हे दिव्य पितर कहते है, पितरो में अनेक श्रेणिया होती है -> मध्यम, सामान्य व उत्कृष्ट उत्कृष्ट स्तर के पितर वो पूरे राष्ट्र के हित के आधार पर कार्य करते हैं …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (12-02-2025)

कक्षा (12-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- बृहदआरण्यकोपनिषद् में आया है कि इस मधु विद्या को अर्थवण ने अश्वनी कुमारो को प्रदान किया था, मंत्र दृष्टा ऋषि बोले कि हे अश्वनी कुमारो आप आर्थवण के निमित्त अश्व का मस्तक लाए, सत्य की रक्षा करते हुए तत्वोपदेश किया, वह ज्ञान गोपनीय था, अश्व का मस्तक …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (11-02-2025)

कक्षा (11-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- जैसे जैसे अन्नमय कोश शुद्ध होने लगता है तो आसन व प्राणायाम करने में काफी लंबा समय लग जाता है तो क्या सारे आसन प्राणायाम लेकर चलना है उनमें से अपने उपयुक्त चुन लेना चाहिए दो घंटे के समय में Theory व Practical अपने अनुरूप करना चाहिए …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (10-02-2025)

आज की कक्षा (10-02-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- कठोपनिषद् में आया है कि उदय और लय होते रहने के स्वभाव से युक्त अलग – अलग स्थान में स्थित अनेक रूप वाली इंद्रियों को जानने वाला ज्ञानी पुरुष कभी शोक नहीं करता इसमें उदय और लय का क्या अर्थ है यह इंद्रियों का स्वभाव …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (24-01-2025)

कक्षा (24-01-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- कठोपनिषद्  में आया है कि जो परम पुरुष अगुष्ठ परिमाण प्राणी के देह के मध्य भाग में स्थित है, वह भूत भविष्य और वर्तमान का शासक है, उसे इस प्रकार जान लेने के बाद प्राणी न तो किसी की निंदा और न ही किसी से घृणा करता …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (23-01-2025)

आज की कक्षा (23-01-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- कठोपनिषद्  में आया है कि जिस अन्तश्चेतना के अनुग्रह से मनुष्य शब्द स्पर्श रूप रस गंध आदि इन्द्रिय सुखों का अनुभव करता है, उसी के अनुग्रह से यह भी जानना है कि यहां क्या अवशिष्ट रहता है, यही ( जो रह जाता है अथवा जानता …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (22-01-2025)

आज की कक्षा (22-01-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- कठोपनिषद् में आया है कि इंद्रियों की अपेक्षा उनके विषय अधिक श्रेष्ठ हैं, विषयों की अपेक्षा मन कहीं अधिक श्रेष्ठ है, मन से उत्कृष्ट बुद्धि व उस बुद्धि से भी श्रेष्ठ यह आत्मा है, यहा इंद्रियों की अपेक्षा विषय श्रेष्ठ बताया है तो यहा विषय …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (21-01-2025)

आज की कक्षा (21-01-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- कठोपनिषद् में आया है कि हे नचिकेता आप आत्म तत्व को रथी (शरीर रूपी वाहन का स्वामी), शरीर को रथ (वाहन), बुद्धि को रथ संचालक सारथी तथा मन को (इंद्रियों रूपी अश्वो को वश में करने वाली) लगाम जानें, यहा बुद्धि व मन को कैसे …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (20-01-2025)

आज की कक्षा (20-01-2025) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- क्या मन और चेतना दोनो एक ही है इन्हे सापेक्षता के आधार पर समझ सकते है यदि आत्मा के परिपेक्ष में इन्हे लेगे तो चैतन्य तो केवल एक आत्मा ही है तथा उसके सापेक्ष में मन जड़ हो जाएगा प्राणमय कोश के सापेक्ष में मनोमय …