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Panchkosh Yoga: A practical tool for "Self Awakening"

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (24-09-2024)

आज की कक्षा (24-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- शाण्डिल्योपनिषद् में कुंभक के दो भेद बताए गए है केवल व सहित, रेचक व पूरक से जो संयुक्त हो उसे सहित तथा जो उससे रहित हो, वह केवल है, इनमें से जब तक केवल सिद्ध न हो तब तक सहित का अभ्यास करते रहना चाहिए …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (23-09-2024)

आज की कक्षा (23-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- पुरुषोत्तम से अखिल जगत की उत्पनि हुई है जैसे . . . स्मृतिया पुरुषोतम से उत्पन्न होती है, 6 शास्त्र पुरुषोतम से लिए जाते हैं, अष्ट सिद्धियां व नव निधिया भी पुरूषोतम से उत्पन्न होती है, पुरुषोतम को यहा क्या समझा जाए पुरुषोत्तम का अर्थ …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (13-09-2024)

आज की कक्षा (13-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- सर्वाइकल समस्या में माता जी को हाथ में दर्द रहता है , उसके लिए क्या करना चाहिए शरीर में जहा पर दर्द हो या समस्या हो, उस अंग में बिजली या रक्त की Supply नही पहुंच रही है समस्या का मूल कारण जानने के लिए …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (12-09-2024)

आज की कक्षा (12-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- भीष्म पितामह जो इतने बडे साधक थे तथा वे कभी विवाह भी नही किए और उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान था फिर भी वे महाभारत के युद्ध में दुर्योधन के साथ कैसे फंसे कर्म फल की व्यवस्थता का फल सभी को भुगतना होता है कर्मफल …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (11-09-2024)

आज की कक्षा (11-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- शिवोपनिषद् में आया है कि जल, मंत्र, दया, दान, सत्य, इंद्रिय संयम, ज्ञान तथा भाव शुद्धि, ये 8 प्रकार के शौच है, का क्या अर्थ है शौच = शुद्धिकरण = चेतना का शुद्धिकरण = मन की शुद्धि = पाचो कोशों की शुद्धि जल = स्नान …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (10-09-2024)

आज की कक्षा (10-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- शिवोपनिषद् में आया है कि आग्नेय – वारूण – मान्त्र – वायव्य – ऐन्द्र – मानस – शांतितोय – ज्ञानस्नान, ये 8 स्नान कहे गए है, रुद्र मन्त्र के साथ आग्नेय मंत्र का स्नान श्रेष्ठ है, जल में डुबकी लगाकर किया गया वारुण स्नान श्रेष्ठ …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (09-09-2024)

आज की कक्षा (09-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- शिवोपनिषद् में आया है कि ध्वज, सिंह, वृष, गज – ये चार चिन्ह शोभन है तथा धुम्र, कुता, गर्दभ काक – ये सभी अर्थनाशक है, शिवगृह का आयाम जितना हो, उसके अनुरूप ही पूजास्थान, जलस्थान की व्यवस्था करे, का क्या अर्थ है अर्थनाशक -> समृद्धि …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (06-09-2024)

आज की कक्षा (06-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- मत्रियोपनिषद् में आया है कि सात धातुओं से निर्मित महारोग से युक्त पाप के घर की भांति, सतत चलाएमान, विकारो से भरे हुए इस शरीर को स्पर्श करने के उपरान्त स्नान अवश्य करना चाहिए, यहां किस स्नान की बात की जा रही है सोहम भाव …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (05-09-2024)

आज की कक्षा (05-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- शिवोपनिषद् में आया है कि विद्या वही है जो कर्म का नाश कर दे, अतः कर्मयोगी साधक भी शिव विद्या के प्रभाव से एक दिन कर्मरहित हो जाते है, . . . गुरु वरण करे व यथाशक्ति पूजन करे, गुरु को भी भोग व मोक्ष …

पंचकोश जिज्ञासा समाधान (04-09-2024)

आज की कक्षा (04-09-2024) की चर्चा के मुख्य केंद्र बिंदु:- शिवसंकल्पोपनिषद् में आया है कि जो परमात्मा अपनी महिमा द्वारा निमिष मात्र में मनुष्य पशु सहित सम्पूर्ण जगत के अधिष्ठाता होते हे जो इस जगत के स्वामी है उन आनन्द स्वरूप परमेश्वर के अतिरिक्त और किस देव को हवि की आहुति समर्पित करे, ऐसा चिंतन …